अशोक वाटिका: जहां हनुमान ने खोजी सीता माता
अशोक वाटिका की कथा रामायण के सुंदरकांड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें हनुमान ने लंका में सीता माता की खोज की और उनसे मिलकर प्रभु राम का संदेश पहुंचाया। यह कथा भक्ति, साहस और कर्तव्यनिष्ठा का अद्भुत उदाहरण है।

अशोक वाटिका में सीता माता से भेंट करते हनुमान
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सांस्कृतिक संदर्भ
अशोक वाटिका प्रसंग रामायण के सुंदरकांड का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह प्रसंग कई धार्मिक ग्रंथों, कला, और लोक परंपराओं में देखा जा सकता है।
कला और चित्रण
अशोक वाटिका में हनुमान और सीता के मिलन का दृश्य भारतीय कला में अत्यंत लोकप्रिय है। प्राचीन मंदिरों, पांडुलिपियों, और आधुनिक कला में यह अक्सर चित्रित किया जाता है। विशेष रूप से, त्यागराज स्वामी के किट्टामुरा पेंटिंग्स और राजस्थानी लघु चित्रों में इस प्रसंग को सुंदर तरीके से दर्शाया गया है।
वार्षिक उत्सव
दक्षिण भारत में, 'हनुमत् जयंती' के दौरान अशोक वाटिका प्रसंग का नाट्य मंचन किया जाता है। उत्तर भारत में रामलीला के दौरान भी इस प्रसंग का महत्वपूर्ण स्थान है।
आधुनिक संदर्भ
आधुनिक समय में, अशोक वाटिका प्रसंग का उपयोग कई टेलीविजन धारावाहिकों, फिल्मों और नाटकों में किया गया है। रामानंद सागर की रामायण से लेकर आधुनिक अनिमेटेड फिल्मों तक, यह प्रसंग लगातार नई पीढ़ियों को प्रेरित करता रहा है।