वेद भक्तिVeda Bhakti
Shiva ji
Shiva

Shiva ji

2-3 मिनट पढ़ने का समय

परिचय

शिव जी: देवों के देव महादेव, जो विनाशक और संरक्षक दोनों हैं।

आरती पाठ


  जय शिव ओंकारा, भज जय शिव ओंकारा।
  ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्धांगी धारा॥
  
  एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
  हंसासन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥...

महत्व

इस आरती का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह भक्तों को दिव्य ऊर्जा से जोड़ती है और मन को शांति प्रदान करती है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, इस आरती का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि आती है। मान्यता है कि इस आरती का पाठ करने से भक्त का मन शुद्ध होता है और उन्हें आशीर्वाद प्राप्त होता है। विशेष त्योहारों और शुभ अवसरों पर इस आरती का विशेष महत्व है।

विधि

इस आरती को करने की विधि निम्नलिखित है:

  1. प्रातः काल स्नान करके पवित्र हो जाएँ।
  2. देवता की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाएँ।
  3. धूप, अगरबत्ती और पुष्प अर्पित करें।
  4. श्रद्धापूर्वक आरती का पाठ करें।
  5. घंटी या घंटा बजाते हुए आरती गाएँ।

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जानकारी

  • देवता:Shiva
  • पठन समय:2-3 मिनट
  • प्रकार:आरती
  • भाषा:हिंदी / संस्कृत