
तिरुपति बालाजी मंदिर
तिरुपति, आंध्र प्रदेश
मुख्य देवता
भगवान वेंकटेश्वर
दर्शन समय
03:00 - 21:00
महत्व
सप्त स्वर्ग मोक्ष के सबसे शक्तिशाली मंदिरों में से एक
विवरण
तिरुपति बालाजी मंदिर, जिसे श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, आंध्र प्रदेश के तिरुमाला में स्थित है। यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर (विष्णु का एक रूप) को समर्पित है और हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है।
मंदिर की स्थापना के बारे में कई किंवदंतियां हैं, लेकिन माना जाता है कि यह लगभग 300 CE में बनाया गया था। वेंकटेश्वर मंदिर अपनी समृद्ध वास्तुकला, हुंडी (दान) प्रणाली और लड्डू प्रसाद के लिए प्रसिद्ध है।
तिरुपति मंदिर हर दिन लगभग 50,000 से 100,000 तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है, जिससे यह दुनिया के सबसे अधिक देखे जाने वाले धार्मिक स्थलों में से एक बन जाता है। भक्त अक्सर मंदिर तक पहुंचने के लिए तिरुमाला पहाड़ियों पर चढ़ते हैं, जो एक पवित्र तीर्थयात्रा माना जाता है।
इतिहास
तिरुपति मंदिर का इतिहास कई शताब्दियों पुराना है। पल्लव, चोल, और विजयनगर राजवंशों ने मंदिर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। विजयनगर साम्राज्य (14वीं से 17वीं शताब्दी) के दौरान, मंदिर ने महत्वपूर्ण विस्तार और नवीनीकरण देखा।
मंदिर अपने इतिहास में कई बार लूट और आक्रमण से बचा है। मुगल और औपनिवेशिक काल के दौरान, मंदिर प्रबंधन विभिन्न शासकों के अधीन था। स्वतंत्रता के बाद, 1951 में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) नामक एक स्वायत्त निकाय की स्थापना की गई, जो अब मंदिर और इसके परिसरों का प्रबंधन करता है।
धार्मिक महत्व
तिरुपति मंदिर हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि भगवान वेंकटेश्वर कलियुग में भक्तों की रक्षा करने के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। मंदिर को 'कलियुग वैकुंठ' भी कहा जाता है।
भक्तों का विश्वास है कि तिरुपति बालाजी की पूजा से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अनेक भक्त मन्नतें मांगते हैं और उनके पूरे होने पर बाल मुंडवाने की परंपरा है।
मंदिर के बारे में एक रोचक तथ्य यह है कि यह दुनिया के सबसे धनी धार्मिक संस्थानों में से एक है, जिसकी वार्षिक आय अरबों रुपये है। यह धन धार्मिक, शैक्षिक और सामाजिक कल्याण गतिविधियों के लिए उपयोग किया जाता है।
यात्रा जानकारी
दर्शन जानकारी
मंदिर सुबह 3:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है।
सामान्य दर्शन (सरल दर्शन) के लिए कोई शुल्क नहीं है।
विशेष दर्शन (VIP दर्शन) के लिए अलग-अलग शुल्क हैं।
ऑनलाइन टिकट बुकिंग TTD की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।
पीक सीज़न के दौरान (जैसे ब्रह्मोत्सवम, वैकुंठ एकादशी), लंबी कतारें हो सकती हैं।
कैसे पहुंचें
निकटतम हवाई अड्डा: तिरुपति हवाई अड्डा (30 किमी)
निकटतम रेलवे स्टेशन: तिरुपति रेलवे स्टेशन (20 किमी)
तिरुपति से तिरुमाला तक बसें और टैक्सियां नियमित रूप से उपलब्ध हैं।
भक्त पैदल यात्रा मार्ग (अलिपिरि पैदल मार्ग) से भी मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
मंदिर की छवियां


