भगवान विष्णु की कथाएँ
त्रिदेवों में से एक, भगवान विष्णु संसार के पालनहार हैं। उनके दस अवतारों की कहानियां, जिन्होंने धर्म की स्थापना के लिए पृथ्वी पर जन्म लिया।
प्रमुख कथाएँ
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वामन अवतार
भगवान विष्णु के वामन अवतार की पौराणिक कथा, जिसमें बलि राजा के अहंकार को चूर करके उनकी महानता स्थापित की गई।

समुद्र मंथन
देवताओं और असुरों द्वारा क्षीरसागर मंथन की विस्तृत कहानी, जिसमें मोहिनी अवतार में विष्णु का महत्वपूर्ण योगदान।

नृसिंह अवतार
प्रह्लाद की रक्षा के लिए हिरण्यकशिपु का वध करने हेतु नर-सिंह रूप धारण करने की कथा।

भगवान राम की कथा
विष्णु के सातवें अवतार श्री राम की महाकथा, जिसमें रावण वध और सीता उद्धार की कहानी।
सभी विष्णु कथाएँ

वामन अवतार
भगवान विष्णु के वामन अवतार की पौराणिक कथा, जिसमें बलि राजा के अहंकार को चूर करके उनकी महानता स्थापित की गई।

समुद्र मंथन
देवताओं और असुरों द्वारा क्षीरसागर मंथन की विस्तृत कहानी, जिसमें मोहिनी अवतार में विष्णु का महत्वपूर्ण योगदान।

मत्स्य अवतार
प्रलय के समय मनु की रक्षा करने के लिए मत्स्य (मछली) का रूप धारण करने की कथा।

कूर्म अवतार
समुद्र मंथन के दौरान कछुए के रूप में मंदराचल पर्वत को अपनी पीठ पर धारण करने की कथा।

वराह अवतार
हिरण्याक्ष द्वारा डुबोई गई पृथ्वी को सूअर रूप धारण कर बचाने की कहानी।

नृसिंह अवतार
प्रह्लाद की रक्षा के लिए हिरण्यकशिपु का वध करने हेतु नर-सिंह रूप धारण करने की कथा।

भगवान राम की कथा
विष्णु के सातवें अवतार श्री राम की महाकथा, जिसमें रावण वध और सीता उद्धार की कहानी।

कृष्ण और सुदामा की मित्रता
भगवान कृष्ण और उनके बचपन के मित्र सुदामा की अटूट मित्रता की कहानी।

बुद्ध अवतार
विष्णु के नौवें अवतार बुद्ध की कहानी, जिसमें अहिंसा और करुणा का संदेश।

कल्कि अवतार
कलियुग के अंत में आने वाले विष्णु के दसवें और अंतिम अवतार की भविष्यवाणी।
भगवान विष्णु के बारे में
हिंदू धर्म में, भगवान विष्णु त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) में से एक हैं, जो संसार के पालनकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। वे शेषनाग पर क्षीरसागर में विश्राम करते हैं और जब भी धर्म की हानि होती है, तब वे अवतार लेकर पृथ्वी पर आते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने दस अवतार (दशावतार) लिए हैं - मत्स्य (मछली), कूर्म (कछुआ), वराह (सूअर), नरसिंह (आधा मनुष्य, आधा सिंह), वामन (बौना), परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और अंतिम अवतार कल्कि, जो अभी तक आना बाकी है।
विष्णु शेषनाग पर लेटे हुए चार हाथों से शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण करते हैं। उनकी पत्नी देवी लक्ष्मी हैं, जो धन और समृद्धि की देवी हैं। गरुड़ उनका वाहन है और वे नीलवर्ण के हैं।
हर अवतार की अपनी विशिष्ट कथा है जो न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षाओं से भरी हुई है। इन कथाओं के माध्यम से, हम सीखते हैं कि कैसे धर्म और न्याय की रक्षा करनी चाहिए और बुराई पर अच्छाई की विजय होती है।